हिंदू धर्म में किसी भी धार्मिक कार्यक्रम के बाद या फिर घर में ही पूजा करने के बाद आवश्यक रूप से माथे पर तिलक लगाया जाता है। धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण होने के साथ-साथ तिलक का वैज्ञानिक महत्व भी है। ऐसे में आइए जानते हैं माथे पर तिलक लगाने का महत्व और इससे जुड़े कुछ जरूरी नियम।
तिलक लगाने का महत्व (Importance of Tilak)
तिलक लगाना धार्मिक दृष्टि से बहुत ही शुभ माना जाता है। हिंदू सांस्कृतिक मान्यताओं के अनुसार, माथे पर तिलक लगाना सम्मान का सूचक माना जाता है। माथे पर तिलक लगाने से सकारात्मक प्रवाह बना रहता है और मन में अच्छे विचार आते हैं। माना जाता है कि तिलक लगाने से ग्रहों के अशुभ प्रभावों को भी शांत किया जा सकता है। हिंदू धर्म में माना गया है कि तिलक लगाने से जीवन में यश बढ़ता है।
दिन के अनुसार लगाएं तिलक
- सोमवार के दिन यानी शिव जी को समर्पित दिन पर सफेद चंदन का तिलक लगाना चाहिए। इससे मन शांत रहता है।
- मंगलवार के दिन अर्थात हनुमान जी के दिन पर चमेली के तेल में सिंदूर मिलाकर लगाना शुभ माना जाता है।
- गणेश जी को समर्पित बुधवार के दिन सूखे सिंदूर का तिलक लगाना चाहिए। इससे भगवान की कृपा साधक पर बनी रहती है।
- गुरुवार के दिन यानी विष्णु जी को समर्पित दिन पर पीला चंदन या हल्दी का तिलक लगाना शुभ माना जाता है।
- शुक्रवार यानी मां लक्ष्मी के प्रिय दिन पर लाल चंदन या कुमकुम का तिलक लगाएं, इससे घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
- शनिवार, जिसे शनि देव का दिन माना जाता है, उस दिन भस्म का तिलक लगाना चाहि। इससे जीवन में आ रही समस्याएं दूर होती हैं।
- रविवार यानी सूर्य देव को समर्पित दिन पर जातक को लाल चंदन का लगाएं। इससे मान-सम्मान में वृद्धि होती है।