देवीपुराण में इस बात का वर्णन मिलता है जब नवरात्र (Shardiya Navratri 2024 Start Date) की शुरुआत गुरुवार से होती है, तो देवी का आगमन पालकी में होता है। वहीं शनिवार के दिन नवरात्र खत्म होने का अर्थ है कि मां चरणायुध (पैदल) होकर जाएंगी।
मां दुर्गा का पालकी पर आगमन शुभ नहीं माना जाता। वहीं मां दुर्गा का चरणायुध प्रस्थान करना भी शुभ नहीं माना जाता। ऐसे में इसका मानव के जीवन पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है। यदि आप नवरात्र का पूर्ण फल प्राप्त करना चाहते हैं, तो इसके लिए कुछ नियमों का ध्यान जरूर रखें।
होते हैं ये परिणाम
शशि सूर्य गजरुढा शनिभौमै तुरंगमे।
गुरौशुक्रेच दोलायां बुधे नौकाप्रकीर्तिता॥
गजेश जलदा देवी क्षत्रभंग तुरंगमे।
नौकायां कार्यसिद्धिस्यात् दोलायों मरणधु्रवम्॥
इस श्लोक में वर्णन मिलता है कि जब नवरात्र की शुरुआत शुक्रवार या गुरुवार को होती है, तो माता पालकी में सवार होकर आती हैं। इसे शुभ नहीं माना जाता है। इससे देश-दुनिया को आंशिक महामारी या फिर प्राकृतिक आपदा का सामना करना पड़ता है। वहीं माता रानी का चरणायुध प्रस्थान करने से जीवन में दुख और अशांति बढ़ सकती है
इन बातों का रखें ध्यान
यदि आप नौ दिनों के दौरान अखंड ज्योत जला रहे हैं, तो इस दौरान घर को खाली छोड़कर नहीं जाना चाहिए। इस दौरान लहसुन-प्याज और मांस-मदिरा आदि से भी दूरी बनानी चाहिए। विष्णु पुराण में वर्णन मिलता है कि नवरात्र का व्रत करने वाले साधक को दिन में नहीं सोना चाहिए। माता रानी का ध्यान करें और मन में नकारात्मक विचार न लाएं। साथ ही इस दौरान ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए।