November 22, 2024 1:10 am

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Rajendra Rathore Statement:पंजाब में ‘आप’ की सरकार और सियासी दोस्ती भी, फिर भी पानी दिलाने में विफल हैं गहलोत

Rajendra Rathore Comment CM Gehlot on the issue of not getting water from Punjab

राजेंद्र राठौड़ और सीएम गहलोत
– फोटो : सोशल मीडिया

विस्तार


राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने श्रीगंगानगर जिला कलेक्ट्रेट पर किसानों द्वारा गंगनहर में शेयर के अनुसार निर्धारित 2800 क्यूसेक सिंचाई के पानी की आपूर्ति करने की मांग को लेकर आयोजित विशाल किसान सभा को संबोधित करते हुए कहा कि गंगनहर में सिंचाई के पानी की आपूर्ति कम करने के खिलाफ राज्य की कांग्रेस सरकार द्वारा कमजोर पैरवी करने से आज गंगानगर का किसान मातम मना रहा है और खून के आंसू रोने को मजबूर है। राठौड़ ने कहा, साल 1926 में महाराजा गंगा सिंह के द्वारा बीकानेर रियासत, बहावलपुर रियासत व पंजाब स्टेट के मध्य हुए समझौते के अनुसार पंजाब के डेम में हमारा 1.11 मिलियन एकड़ फीट (MAF) कई साल से निर्धारित था।

साल 1955 से 1963 में समझौते के मुताबिक, फिरोजपुर फीडर से गंगानगर के पानी का राजस्थान का हिस्सा 47 फीसदी था। लेकिन पंजाब सरकार की दादागिरी के कारण गंगनहर से 2800 क्यूसेक पानी के हमारे अधिकार को पिछले 20 दिनों से शून्य कर रखा है, जिस वजह से हमें 2800 क्यूसेक की जगह पर मात्र 700-800 क्यूसेक पानी ही मिल रहा है। राठौड़ ने कहा कि पंजाब सरकार द्वारा हरिके बैराज से राजस्थान कैनाल व गंग कैनाल में साल 1981 के समझौते के अनुसार, राजस्थान में सिंचाई हेतु निर्धारित हिस्से का पानी रोक देने से गंगानगर व हनुमानगढ़ में साढ़े तीन लाख हेक्टेयर में बोयी गई नरमा, मूंग, ग्वार, बागवानी-गन्ना की फसलों के नष्ट होने के कगार पर है।

राठौड़ ने कहा कि जब से पंजाब में आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार शासन में जो कांग्रेस के साथ इंडिया गठबंधन का हिस्सा भी है। लेकिन दुर्भाग्य है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत 1981 के समझौते अनुसार राजस्थान के हिस्से का पानी दिलाने में पूरी तरह विफल रहे हैं और मजबूती से पैरवी भी नहीं कर सके। पंजाब में तो आप के घोषणा पत्र में भी राजस्थान के नहर के हिस्से पर डाका डालने का वादा किया गया है। यह वही सरकार है, जब 1981 में तत्कालीन प्रधानमंत्री के नेतृत्व में राजस्थान, पंजाब, हरियाणा के मुख्यमंत्रियों के बीच समझौता हुआ था और हमारा हिस्से के 0.6 MAF तक नहीं मिला।

राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस सरकार में सिंचाई मंत्री महेन्द्र जीत सिंह मालवीया तो हमारे पानी का हिस्सा मांगने की बजाय 1953 से 1957 के बीच में राजस्थान सरकार द्वारा खरीदी गई जमीन पंजाब सरकार को देने की सहमति व्यक्त करके आ गये। यानी अब पंजाब हमारी सरकार पर एक और नहर बनायेगा, जिससे फरीदकोट, भठिंडा व अमृतसर आदि इलाके में पानी जायेगा। फिरोजपुर फीडर से निकलने वाली नहर राजस्थान के किसानों की बर्बादी का कारण बनेगी। राठौड़ ने कहा कि हिमाचल व पंजाब में बरसात ज्यादा हुई तो पंजाब ने दो लाख क्यूसेक पानी पाकिस्तान में छोड़ दिया, जिससे डैम का लेवल नीचे हो गया। 

फिरोजपुर फीडर में अगर पानी की कमी आई तो उसका खामियाजा गंगनहर और उससे जुड़े हजारों किसान क्यों भुगते? सरहिन्द फीडर व इस्टर्न कैनाल में पूरा पानी पंजाब ले रहा है परन्तु राजस्थान की नपुंसक सरकार के कारण राजस्थान का हिस्सा जीरो क्यों है? यही नहीं हुसेनीवाले हैड से पुरानी बीकानेर कैनाल से जो पानी आ रहा था वह भी पंजाब इस्टर्न कैनाल के माध्यम से पंजाब राज्य उपयोग कर रहा है।

राठौड़ ने कहा कि सरकार ने पहले बजट 2019-20 में राजस्थान फीडर व सरहिन्द फीडर पेयजल के लिए 1976 करोड़ की योजना की घोषणा की थी, बजट 2020-21 में 245 करोड़ से रावतसर, टिब्बी, सूरतगढ़ व अनूपगढ़ की नहरों के रिलाइनिंग का कार्य की घोषणा की थी और बजट 2022-23 में सरहिन्द फीडर की लाइनिंग करने के लिए 425 करोड़ की घोषणा की घोषणा की थी। लेकिन दुर्भाग्य है कि सारी बजटीय घोषणा सिर्फ कागजों पर धरातल पर नहीं आई और भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई।

राठौड़ ने किसानों को आश्वस्त करने हुए कहा कि किसानों के आंदोलन के साथ भारतीय जनता पार्टी पूरी तरह से साथ खड़ी है। राज्य में भाजपा की सरकार के शासन में आने के बाद किसानों के सिंचाई हेतु पानी के लिए आवश्यक प्रबंधन किये जायेंगे, किसानों को उनके हक का पूरा पानी मिलेगा। चाहे इसके लिए पंजाब की सरकार के साथ लड़ाई ही क्यों न लड़नी पड़े।

राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी ने पिछले विधानसभा चुनावों में इसी धरती से किसानो को 10 दिन में कर्जमाफ करने का एलान किया था और उसके बाद भारत जोड़ो यात्रा में किसानों को आश्वासन दिया था। लेकिन किसानों की आंखों में कांग्रेस के प्रति गुस्सा साफ झलक रहा है। कांग्रेस सरकार ने किसानों का मजाक बना रखा है और नाथी का बाड़ा समझ रखा है। किसानों का कर्जामाफ तो दूर बल्कि अब उनकी जमीनें नीलाम हो रही है। राजस्थान देश में सर्वाधिक मंडी टैक्स दो रुपये से 10 पैसा वसूल करने वाला राज्य है, जिसमें श्रीगंगानगर के हजारों किसान यह टैक्स चुकाने को मजबूर हैं। वहीं, राज्य में पेट्रोल डीजल पर सर्वाधिक वैट होने के कारण श्रीगंगानगर जिले में सबसे महंगा पेट्रोल व डीजल मिलता है।

राठौड़ ने कहा कि राज्य में अपराध और भ्रष्टाचार चरम पर है। जर्जर कानून व्यवस्था का आलम यह है कि रक्षक ही भक्षक बने बैठे हैं। मुख्यमंत्री के गृह जिले जोधपुर स्थित जेएनवीयू कैंपस में नाबालिग के साथ गैंगरेप होता है, भीलवाड़ा में बच्ची को कोयले की भट्टी में जलाया जाता है और करौली में एसिड अटैक कर युवती की हत्या की जाती है। महिलाएं ही नहीं बल्कि कांग्रेस राज में साधु संत भी सुरक्षित नहीं है। भरतपुर में संत विजयदास को आत्मदाह के लिए मजबूर होना पड़ा। गैंगस्टरों द्वारा व्यापारियों और जन प्रतिनिधियों से प्रोटेक्शन मनी मांगी जाती है। वहीं भ्रष्टाचार का आलम यह है कि मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा फूड पैकेट के सैंपलों का जांच में फेल हो रहे हैं। गहलोत सरकार चुनाव में वोट हासिल करने के लिए जनता की सेहत के साथ खिलवाड़ करने पर आमादा है।

राठौड़ ने कहा कि जहां एक ओर किसान को गंग कैनाल व राजस्थान कैनाल से मिलने वाले पानी से महरुम होना पड़ा। वहीं बिजली की कटौती के कारण से 15 दिन से किसान को सिंचाई के लिए 2-3 घंटे से ज्यादा बिजली नहीं मिल रही है। 23,309 मेगावाट क्षमता के साथ विद्युत क्षेत्र में राजस्थान के आत्मनिर्भर होने के दावे की हकीकत सबके सामने है। प्रदेश में अंधेर नगरी चौपट राजा की कहावत चरितार्थ हो रही है। किसानों को दिन में दो ब्लॉक में बिजली देने का दावा कोढ़ में खाज साबित हुआ है। किसानों को फसल के लिए सिंचाई का पानी उपलब्ध नहीं कराकर और बिजली कटौती की दोहरी मार से किसान बर्बादी के कगार पर है और भयंकर गर्मी में सड़कों पर आंदोलन को मजबूर है।

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