बाबा रामदेव का भादवा मेला शुरू
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जैसलमेर जिले में भादवा मेला शुरू होने से पहले ही पोकरण में श्रद्धालुओं की आवक शुरू हो गई है। बाबा रामदेव के मेले को लेकर प्रशासनिक अधिकारी चाक-चौबंद तैयारियों का दम भर रहे हैं। लेकिन जमीनी धरातल पर बाबा रामदेव के गुरु बालीनाथ के धूणे पर व्याप्त अव्यवस्थाओं के कारण देश के विभिन्न प्रांतों से आने वाले श्रद्धालुओं को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
स्थानीय नौकरशाही की ओर से व्यवस्था के नाम पर खानापूर्ति कर अपने कर्तव्यों से तो इतिश्री कर दी गई है। लेकिन आस्था से जुड़े लोगों को सुविधाजनक यात्रा के साथ बालीनाथ जी के धूणे पर दर्शन कराने की जिम्मेवारी कोई भी अधिकारी नहीं ले रहा है, जिसके कारण भादवा मेले में आने वाले लाखों श्रद्धालुओं को परेशानियां उठानी पड़ रही है। धूणे पर सुविधाजनक व्यवस्था नहीं होने के कारण श्रद्धालुओं की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचती है। लेकिन स्थानीय नौकरशाही के जिम्मेवार अफसर अपने ढीले रवैये से बाज नहीं आ रहे हैं।
बालीनाथ धूणे पर दर्शन के लिए घंटों का इंतजार
पोकरण शहर में स्थित बाबा रामदेव के गुरु बालीनाथ के धूणे पर श्रद्धालुओं को दर्शन करने की लिए कई घंटे का इंतजार करना पड़ता है। धूणे पर महिला और पुरुषों के दर्शन करने के लिए न तो अलग से बेरिकेट्स बनाए गए हैं और न व्यवस्थित रूप से लाइनों का इंतजाम किया गया है, जिसके कारण विभिन्न प्रान्तों से आने वाले लोगों की भीषण गर्मी में कई घंटे के इंतजार करने के बाद दर्शन करने की बारी आती है।
गर्मी में कई महिला श्रद्धालुओं को अपने छोटे उम्र के बच्चों के साथ भी लंबे समय तक कतारों में खड़ा रहना पड़ता है, जिसके कारण महिला श्रद्धालुओं को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कई बार लंबे समय तक लाइनों में खड़ा रहने के कारण लोगों की तबीयत भी खराब हो जाती है और वो वहीं गिर जाते हैं। स्थानीय प्रशासन द्वारा बालीनाथ धूणे पर दर्शनार्थियों को मंदिर परिसर में दर्शन कराने की कोई उचित व्यवस्था नहीं की गई हैं।
छाया और पानी के माकूल प्रबंध नहीं
बालीनाथ धूणे पर सुबह और शाम के समय श्रद्धालुओं की लंबी कतारें लगी रहती हैं। लाइनों में लगे लोगों के लिए स्थानीय प्रशासन ने न तो छाया की व्यवस्था की है और न ही पानी के लिए कोई इंतजाम है। ऐसे में पश्चिमी राजस्थान के रेगिस्तानी ज़िले में चिलचिलाती धूप और तेज़ गर्मी में बिना छाया और पानी के लोगों को मजबूरन ही लाइनों खड़ा रहना पड़ता है। स्थानीय प्रशासन द्वारा न तो अस्थाई टेंट की व्यवस्था की गई है और न ही धूणे पर पानी का कोई स्त्रोत है। ऐसे में बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
ठेला चालकों ने मार्ग किया संकरा
भादवा मेले में प्रतिवर्ष बालीनाथ धूणे पर कई अस्थाई दुकानदार और ठेला चालक मंदिर परिसर सहित रोड पर अपना डेरा डाल देते हैं। इन ठेला चालकों द्वारा बालीनाथ धूणे जाने वाले मार्ग पर ही अवैध रूप से ठेलों को खड़ा कर दिया जाता है, जिसके कारण आवागमन के लिए बना मार्ग संकरा हो रहा है। वहीं, दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं को भी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। एक तरफ तो सड़क पर लंबी कतारें लग जाती हैं, दूसरी ओर ठेला चालकों द्वारा अव्यवस्थित रूप से खड़े होने से वाहनों चालकों भी परेशानियां उठानी पड़ रही हैं। लेकिन स्थानीय प्रशासन द्वारा इन अवैध ठेला चालकों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने के कारण बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को परेशानियों से रूबरू होना पड़ता है।
सुरक्षा के लिए नहीं है पुख्ता इंतजाम
भादवा मेले में आने वाले लाखों श्रद्धालुओं को बालीनाथ धूणे पर सुरक्षा मुहैया करवाने के लिए प्रशासन द्वारा कोई प्रंबंध नहीं किए गए हैं, जिसके कारण मेले में आने वाने श्रद्धालु सुरक्षा के बिना अपने आप को असुरक्षित महसूस करते हैं। मेले में कई लोग अवैध पार्किग के नाम पर चौथ वसूली करके श्रद्धालुओं से लाखों रुपये हड़पते हैं। प्रशासन द्वारा पुलिस और सुरक्षा गार्ड की बालीनाथ धूणे पर व्यवस्था नहीं करने से श्रद्धालु अपने आप को ठगा हुआ महसूस करते हैं। कई बार धूणे पर मनचलों द्वारा महिला श्रद्धालुओं से साथ भी दुर्व्यवहार कर दिया जाता है। लेकिन सुरक्षा की व्यवस्थ नहीं होने के कारण इस संबंध में कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।
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