November 22, 2024 12:59 am

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क्यों मनाया जाता है महालया अमावस्या का पर्व? इन उपाय से मां दुर्गा होंगी प्रसन्न

पितृ पक्ष की अवधि को पितरों को प्रसन्न करने के लिए उत्तम  माना जाता है। इस वर्ष पितृ पक्ष की शुरुआत 18 सितंबर से हुई थी, जिसका समापन आज यानी 02 अक्टूबर को है। पितृ पक्ष के आखिरी दिन को सर्वपितृ अमावस्या के नाम से जाता है। साथ ही इसी दिन महालया का पर्व भी मनाया जाता है। सनातन शास्त्रों में इस तिथि को खास माना जाता है, क्योंकि इस शुभ दिन पर मां दुर्गा धरती पर आगमन के लिए कैलाश पर्वत से विदा लेती हैं। ऐसे में आइए इस लेख में जानते हैं कि क्यों मनाया जाता है महालया अमावस्या (Kab hai Mahalaya Amavasya 2024) का पर्व और इस दिन किए जाने वाले उपाय के बारे में।

कब है महालया (Mahalaya 2024 Date)

पंचांग के अनुसार, आश्विन माह की अमावस्या तिथि की शुरुआत 01 अक्टूबर को रात्रि 09 बजकर 39 मिनट पर हो गई है। वहीं, इसका समापन 03 अक्टूबर को रात्रि 12 बजकर 18 मिनट पर होगा। ऐसे में आज यानी 02 अक्टूबर को सर्वपितृ अमावस्या और महालया का पर्व मनाया जा रहा है।

महालया अमावस्या पूजा मुहूर्त 2024 (Mahalaya Amavasya 2024 puja Timing)

कुतुप मुहूर्त – सुबह 11 बजकर 46 मिनट से 12 लेकर 34 मिनट तक।

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