हिंदू धर्म में नवरात्र को एक बहुत ही पवित्र अवधि के रूप में देखा जाता है। ऐसा माना जाता है कि यदि इस अवधि में सच्चे मन से माता रानी की उपासना की जाए, तो इससे साधक के घर में माता रानी का आगमन होता है। ऐसे में यदि आप नवरात्र में हवन करने का विचार बना रहे हैं, तो इसके लिए हम आपको हवन की सरल विधि बताने जा रहे हैं।
हवन की समाग्री
सबसे पहले तो हवन की सारी सामग्री जैसे – धूप, जौ, नारियल, गुग्गुल, लोबान, शहद, गाय का घी, सुगंध, अक्षत, मखाना, तिल, चावल, जौ, कपूर, पलाश, गूलर की छाल, मुलैठी की जड़, अश्वगंधा आदि एकत्र कर लें। अब इन सभी चीजों को मिलकर हविष्य (हवन में डाली जाने वाली सामग्री) बनाएं और एक पात्र में एकत्र करके रख लें। हवन की अग्नि को जलाने के लिए आम की लकड़ी, चंदन की लकड़ी, कपूर आदि रखें।
हवन की सरल विधि
- सबसे पहले सुबह मां दुर्गा की पूजा करें।
- हवन कुंड के लिए, आठ ईंटें लगाकर वेदी बनाएं या फिर बाजार से भी हवन कुंड ला सकते हैं।
- हवन कुंड के पास धूप-दीप जलाएं करें और एक स्वस्तिक बनाकर नाड़ा बांधें और पूजा करें।
- अब हवन कुंड में आम की लकड़ी रखकर जलाएं।
- अब हवन कुंड की अग्नि में हविष्य की आहुति देते समय मंत्रों का जाप करें।
- इसके बाद ब्रह्मा जी और शिव जी के नाम से भी आहुति दें।
- हवन के बाद, भगवान गणेश और मां दुर्गा की आरती करें।
- सबसे आखिर में, खीर और शहद मिलाकर आहुति दें।
- अंत में हवन कुंड की अग्नि में नारियल और सुपारी डालें।
- हवन पूर्ण होने के बाद कन्याओं को भोजन कराएं।