गूगल की पैरेंट कंपनी Alphabet को यूरोपीय संघ से बड़ा झटका लगा है। यूरोपीय कोर्ट ने गूगल की शॉपिंग सर्विस को लेकर लगाए 2.42 बिलियन यूरो (करीब 2.67 डॉलर) के जुर्माने को बरकार रखने का फैसला किया है। गूगल पर यह जुर्माना सात साल पहले कंपनी की प्राइस कंपेयर शॉपिंग सर्विस को लेकर लगाया गया था। गूगल पर यूरोप में काम कर रही छोटी कंपनियों पर अपने दबदबे का दुरुपयोग करने का आरोप है।
निचली अदालत का फैसला बरकरार
यूरोपीय यूनियन की अदालत ने गूगल पर निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा है। निचली अलदालत ने गूगल की शॉपिंग सर्विस पर ईयू की टॉप एंटीट्रस्ट इंफोर्सर के आरोप को सही बताते हुए कंपनी पर लगाए 2.7 बिलियन डॉलर के जुर्माने को सही करार दिया है।
कोर्ट ने प्रेस रिलीज जारी करते हुए बताया कि निचली अदालात द्वारा लगाए जुर्माने के खिलाफ लगाई गूगल की याचिका को कोर्ट ने खारिज कर दिया है।
गूगल पर क्या हैं आरोप
शीर्ष टेक कंपनी गूगल पर 2017 में ईयू ने प्रतिस्पर्धी कंपनियों को नुकसान पहुंचने के लिए दबदबे के दुरुपयोग का आरोप है। गूगल विजिटर्स को गलत तरीके से अपनी शॉपिंग सर्विस पर डायवर्ट करने का आरोप लगे हैं।
ब्रुसेल्स ने जब से टेक कंपनियों पर अपनी कार्रवाई तेज की है। यह पिछले 10 सालों में लगाया यह जुर्माना बड़ा मल्टी बिलियन यूरो फाइन है। गूगल पर कार्रवाई के बाद कंपनी ने अपने नियमों में कई बदलाव किए हैं, जिसके तहत वह प्रतिस्पर्धी कंपनियों के साथ अब समान व्यवहार करने पर जोर दे रही है।