पर्वतीय अंचल में मूसलधार वर्षा से बरसाती नाले उफना गए। भारी मात्रा में मलबा व बोल्डर आने से ताड़ीखेत-रामनगर हाईवे पर चार-पांच स्थानों पर वाहनों की रफ्तार थम गई। शाम चार बजे से हाईवे पर यातायात ठप हो गया, जो देर रात तक भी नहीं खोला जा सका था।
भकराकोट में 15 दिन के शिशु को लेकर रामनगर आ रही एंबुलेंस समेत अलग-अलग जगहों पर सौ से अधिक वाहन फंसे रहे। पनियाली के बैली ब्रीज पर आवाजाही रोक दी गई है।
ताड़ीखेत-रामनगर हाईवे पर दुश्वारियां कम नहीं हो रही हैं। यहां पनियाली गधेरा उफनाने से ब्रिटिश दौर का पुल भी माह भर पूर्व ध्वस्त हो गया था। पखवाड़े भर बाद बैली ब्रिज बना मगर भूकटाव के कारण उस पर भी आवाजाही प्रभावित रही।
सल्ट क्षेत्र से निकलने वाले गधेरे उफान पर
इधर मंगलवार को मूसलधार वर्षा से सल्ट क्षेत्र से निकलने वाले गधेरे उफान पर आ गए। शाम चार बजे से मलबा व बोल्डर गिरना शुरू हो गया था। रात्रि करीब नौ बजे बाद तो भकराकोट के साथ ही साकर बलोली, चिमटाखाल से एक किमी पहले मरचूला आदि क्षेत्रों में हाईवे पर यातायात पूरी तरह ठप हो गया।
सहायक अभियंता जेसी पांडे के अनुसार लोडर मशीनें मलबा हटाने भेजी जा चुकी हैं। जगह-जगह मलबा आने से राहत कार्य में परेशानी हो रही है। जाम में करीब सौ से अधिक वाहन फंसे पड़े हैं। इसके बाद पनियाली के बैली ब्रीज पर आवाजाही रोक दी गई है। जिससे लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
एंबुलेंस में नवजात, रास्ते में खत्म हो गया आक्सीजन सिलिंडर
पौड़ी के बीरोंखाल से 14 दिन के शिशु को लेकर रामनगर जा रही एंबुलेंस भी हाईवे पर फंसी रही। जन्म के बाद से नवजात को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। शाम से लगे जाम में फंसने के कारण एंबुलेंस में लगा एक आक्सीजन सिलिंडर भी खत्म हो गया था।स्टाफ के प्रयास से दूसरे सिलिंडर का प्रबंध तो हो गया लेकिन स्वजन की सांसें अटकी रहीं। प्रशासन व विभाग की ओर से रात 11 बजे तक मार्ग खुलवाने के प्रयास जारी थे। कोशिश की जा रही है कि एंबुलेंस को पहले निकालकर रामनगर को रवाना किया जाए।


