उन्होंने कहा, “ये डर और मानना है कि खिलाड़ी की जिंदगी कम होती है। आपके पास जो समय होता है आपको उसका पूरा यूज करना पड़ता है।”

एनजाइटी ने घेरा

राहुल ने कहा कि जब वह 30 साल के हुए तो एनजाइटी ने उन्हें घेर लिया। उन्होंने कहा, “मेरे लिए, जब मैं 30 साल का हुआ तो मुझे एनजाइटी हुई। मैं अंत देख सकता था। मैं जब तक 29 साल का था तो मुझे कुछ नहीं दिख रहा था। मेरे 30वें जन्मदिन पर कुछ अजीब चीज हुई। मैं देख सकता था कि मेरे पास 10 साल हैं, इससे मुझे एनजाइटी मिली।”

उन्होंने कहा, “पहली बार मुझे ऐसा लगा कि एक दिन इसे खत्म होना है। मैंने अपने जीवन में सिर्फ क्रिकेट खेली है वो भी बिना ये सोचे की इसका एक दिन अंत होना है। अब मैं देख सकता हूं, अंत ज्यादा दूर नहीं है।”