वायनाड में 10 दिन से चल रहा रेस्क्यू ऑपरेशन आज खत्म हो गया है। सेना के साहस, हिम्मत और जोश को देखते हुए वहां के स्थानीय लोगों ने तालियां बजाकर उनका अभिनंदन किया। इसी के साथ निवासियों ने भारतीय सेना के जवानों को भावपूर्ण विदाई दी।
बता दें कि 31 जुलाई को आई त्रासदी में 400 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी। भीषण लैंडस्लाइड के बीच भारतीय सेना ने बचाव कार्य में बेहद अहम भूमिका निभाई थी।
PRO ने पोस्ट की वीडियो
कोच्चि रक्षा जनसंपर्क अधिकारी (पीआरओ) द्वारा पोस्ट किए गए एक वीडियो में, सैनिकों को उनके आवास से बाहर निकलते समय स्थानीय लोगों की ओर से तालियों की गड़गड़ाहट के साथ स्वागत करते हुए देखा जा सकता है। प्रादेशिक सेना की 122 वीं इन्फैंट्री बटालियन के सैनिकों को माउंट टैबोर स्कूल के शिक्षकों और कर्मचारियों द्वारा भी सम्मानित किया गया। बता दें कि यहीं बचाव दल को ठहराया गया था।
सब कुछ दांव पर लगाकर बचाई लोगों की जान
इस वीडियो के साथ कोच्चि रक्षा जनसंपर्क अधिकारी ने ट्वीट किया, ‘हम अपने बहादुर सैनिकों के प्रति बहुत आभारी हैं जिन्होंने भूस्खलन बचाव अभियान के दौरान अपना सब कुछ दांव पर लगा दिया। आपके साहस और बलिदान को भुलाया नहीं जा सकेगा।’
सैनिकों के साहस को देखते हुए स्थानीय लोगों ने ‘भारत माता की जय’ और ‘भारतीय सेना की जय’ के नारे भी लगाए। वायनाड जिला प्रशासन ने बचाव और खोज अभियान में शामिल सेना के जवानों के लिए विदाई समारोह का भी आयोजन किया।
सभी जिलों से लोगों ने की मदद
कर्नल परमवीर सिंह नागरा ने ANI को बताया, ‘यह स्थानीय लोगों और प्रशासन के सहयोग से मेजर जनरल मैथ्यू के नेतृत्व में किया गया एक संयुक्त अभियान था। स्वयंसेवकों की कोई कमी नहीं थी। न केवल वायनाड से बल्कि केरल, तमिलनाडु के सभी जिलों से लोग आए और हमारी सहायता की।’