राष्ट्रीय एवं सामरिक महत्व की बहुप्रतीक्षित ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना में रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल) को एक और सफलता मिली है।
रुद्रप्रयाग में सुमेरपुर से नरकोटा के बीच 9.46 किमी लंबी निकास सुरंग आर-पार हो गई है। निगम के अधिकारियों का कहना है कि शीघ्र ही मुख्य सुरंग भी आर-पार कर दी जाएगी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की स्वप्निल ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना को आरवीएनएल ने निर्माण गतिविधियों के तहत 10 पैकेज में बांटा है। रुद्रप्रयाग जिले में एक पैकेज का कार्य मेघा इंजीनियरिंग एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड को दिया गया है।
सुरंग संख्या 13 की खोदाई का कार्य पूरा
कंपनी के महाप्रबंधक एचएन सिंह ने बताया कि बुधवार रात 11:35 बजे सुमेरपुर से नरकोटा के बीच भूमिगत निकास सुरंग संख्या 13 की खोदाई का कार्य पूरा कर लिया गया। यह सुरंग पुनाड गदेरे (बरसाती नाला) और औण गांव के पास से गुजर रही है।
इसे ध्यान में रखते हुए सुरंग निर्माण के लिए नियंत्रित विस्फोट के साथ घरों के नीचे यांत्रिक खोदाई की गई। निकास सुरंग का ब्रेक-थ्रू चार चरण में किया गया। उन्होंने बताया कि मुख्य सुरंग का कार्य भी गतिमान है।
परियोजना पर एक नजर
- 16,128 करोड़ रुपये है कुल लागत
- 125 किमी है रेल लाइन की लंबाई
- 17 सुरंगों से गुजरेगा रेल लाइन का 105 किमी हिस्सा
- 16 रेल पुल बनेंगे ऋषिकेश-कर्णप्रयाग के बीच
- 14.8 किमी- सबसे लंबी सुरंग
- 220 मीटर- सबसे छोटी सुरंग
- 13 रेलवे स्टेशन होंगे ऋषिकेश से कर्णप्रयाग के बीच