ईशांत शर्मा
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विराट कोहली भारतीय क्रिकेट इतिहास में भारत के सबसे महान टेस्ट कप्तान हैं। विराट के आंकड़े भी इसका समर्थन करते हैं। वह भारत के लिए सबसे ज्यादा टेस्ट जीतने वाले कप्तान हैं। कोहली की कप्तानी में भारत ने 68 मैचों में 40 टेस्ट मैच जीते। विराट की अगुआई में भारतीय टीम ने घर से बाहर भी खेल के सबसे लंबे प्रारूप में भी लगातार सफलता हासिल की।
भारतीय कप्तान के रूप में कोहली के कार्यकाल में एक बात जो सबसे खास रही, वह थी टीम इंडिया का शानदार तेज गेंदबाजी आक्रमण। कोहली ने भारत का ऐसा गेंदबाजी आक्रमण तैयार किया, जो किसी भी मैदान पर 20 विकेट लेने में सक्षम था और इसमें अहम रोल भारत के तेज गेंदबाजों का था। इसके लिए कोहली की जमकर तारीफ भी हुई। ईशांत शर्मा ने खुलासा किया कि कैसे एमएस धोनी इस प्रक्रिया का अहम हिस्सा थे और उन्होंने कोहली को सफल कप्तान बनाने में कैसे अहम भूमिका निभाई।
ईशांत ने एक ओटीटी प्लेटफॉर्म पर बात करते हुए कहा ”वह सर्वश्रेष्ठ थे। जब विराट कप्तान थे, गेंदबाजी आक्रमण पूरा था। जब हम माही भाई के नेतृत्व में खेल रहे थे, हमारी टीम बदलाव के दौर में थी। उस समय शमी और उमेश नए थे और केवल मैं ही वहां था। बाकी सभी गेंदबाज बदलते रहते थे। भुवी भी नए थे। बातचीत करने और सभी को समझाने के मामले में माही भाई का कोई मुकाबला नहीं है। उन्होंने गेंदबाजों को तैयार किया और उन्हें विराट की टीम के साथ छोड़ दिया।’ समय के साथ शमी और उमेश बेहतर गेंदबाज बन गए और फिर जसप्रीत आए। इसलिए, उन्हें एक पूरा पैकेज मिल गया।”
ईशांत ने आगे कहा ”उन्होंने जो सबसे अच्छी चीज की वह हर किसी के गुणों को पहचानना था, वह एक व्यक्ति के साथ एक चीज के बारे में बात करते थे और फिर उन्हें छोड़ देते थे।” हालांकि, ईशांत ने कोहली के काम की तारीफ की और बताया कि वह कैसे टीम में प्रत्येक गेंदबाज के लिए सर्वश्रेष्ठ भूमिका की पहचान करने में सक्षम थे। ईशांत ने बताया ”पहली बात, वह आक्रामक थे। यदि आप नई गेंद से गेंदबाजी कर रहे हैं, तो आप पांच ओवर में 25 रन दे सकते हैं, बशर्ते कि आप दो विकेट लें। अहम बात यह थी कि उन्होंने सभी को स्पष्ट भूमिकाएं दीं। वह मुझसे कहते थे, ‘आप काफी मैच खेल चुके हैं, अब तुम्हारे लिए आगे बढ़ने का समय आ गया है। यह सोचकर गेंदबाजी न करें कि आपको किसी विशेष क्षेत्र में गेंदबाजी करनी है, अब आपको विकेट लेने के तरीके खोजने होंगे। वह शमी के पास गए और कहा, ‘मुझे पता है कि आप विकेट ले सकते हैं, लेकिन अब मुझे जरूरत है कि आप लगातार गेंदबाजी करें और लगातार तीन मेडन ओवर फेकें। उन्होंने बुमराह के पास जाकर कहा, ‘यह आपका डेब्यू है, आप जो करते हैं वही करिए, लेकिन टेस्ट क्रिकेट में निरंतरता सबसे महत्वपूर्ण है।’ 2021 के बाद, मुझे एहसास हुआ कि वह चाहते थे कि हम सभी लीक से हटकर सोचें।”
105 टेस्ट मैचों के अनुभवी ईशांत अभी भी एक सक्रिय खिलाड़ी हैं, लेकिन 2021 के दक्षिण अफ्रीका दौरे के बाद से टेस्ट टीम का हिस्सा नहीं हैं। टेस्ट क्रिकेट में भारतीय टीम के कप्तान के रूप में यह कोहली की आखिरी सीरीज भी थी।